Shivkumar Bilagrami: Difference between revisions

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He has been regular poet in Delhi Circle Kavi Sammelans, Mushayara and Cultural Programmes. His Gazals are available on popular Gazal hosting website [https://rekhta.org/ghazals/niind-kii-golii-na-khaao-niind-laane-ke-liye-shiv-kumar-bilgarami-ghazals?lang=h रेख्ता].
He has been regular poet in Delhi Circle Kavi Sammelans, Mushayara and Cultural Programmes. His Gazals are available on popular Gazal hosting website [https://rekhta.org/ghazals/niind-kii-golii-na-khaao-niind-laane-ke-liye-shiv-kumar-bilgarami-ghazals?lang=h रेख्ता].


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वो दो पल: "वो दो पल " शिवकुमार बिलगरामी ( Shivkumar Bilgrami) द्वारा लिखी गई ग़ज़लों का एक बहुचर्चित ग़ज़ल संग्रह है । इस ग़ज़ल संग्रह को वर्ष 2018 में राजपथ प्रकाशन , नई दिल्ली से  प्रकाशित किया गया था। इस ग़ज़ल संग्रह में कुल 101 ग़ज़लें हैं जिनमें से अधिकतर (लगभग 70 ) ग़ज़लों को देश-विदेश के कई नामचीन गायकों द्वारा संगीतबद्ध किया जा चुका है गाया जा चुका है । इस ग़ज़ल संग्रह को वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा अदम गोंडवी सम्मान से सम्मानित किया गया। इस ग़ज़ल संग्रह से संगीतबद्ध की गई कुछ गजलें गयूट्यूब चैनल gaanamandi पर उपलब्ध हैं ।
शिवकुमार बिलगरामी हिंदी - उर्दू में काव्य रचना करने वाले वर्तमान दौर के एक सुविख्यात गीतकार और शायर हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद की बिलग्राम तहसील के महसोना मऊ गांव में हुआ था । इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बीजीआर इंटर कॉलेज बिलग्राम से पूर्ण की। तत्पश्चात उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से यह लखनऊ आ गए और यहीं से उन्होंने अपनी बीए और एमए की पढ़ाई पूरी की । लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम ए करने के पश्चात यह सिविल सर्विस की तैयारी करने के उद्देश्य से दिल्ली आ गए । यहां इन्होंने भारतीय संसद के निचले सदन अर्थात लोकसभा में प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में सर्विस ज्वाइन की और तब से सतत रूप से संसद में सेवारत हैं।
अपने शिक्षा के दौरान शिवकुमार बिलगरामी ने हिंदी , संस्कृत , अंग्रेजी और उर्दू साहित्य का गहराई से अध्ययन किया । इसके अतिरिक्त भारतीय इतिहास , राजनीति विज्ञान , सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों का भी इन्होंने विशद अध्ययन किया । आरंभ काल से ही शिवकुमार बिलगरामी का झुकाव धर्म और अध्यात्म की ओर रहा है इसलिए इन्होंने धर्मग्रंथों का भी गहराई से अध्ययन मनन किया है जो कि इनके लेखन में यत्र तत्र परिलक्षित होता रहता है । शिवकुमार बिलगरामी ने सामाजिक विषमता,  स्त्री विमर्श , बिखरते प्राचीन मूल्यों के प्रति चिंता , महत्वहीन होते जा रहे मानव संबंध , परिवार में बिखराव , अकेलापन , प्रवासन की समस्या के साथ-साथ देश भक्ति प्रेम और अध्यात्म जैसे विषयों पर बहुत ही जिम्मेदारी से लिखा है । शिवकुमार बिलगरामी के लेखन की एक विशेषता यह है कि उनका काव्य छन्द की कसौटी पर शत-प्रतिशत खरा उतरता है। उनके काव्य में जो सटीकता और कसाव है  वर्तमान दौर में वह कहीं अन्यत्र देखने को नहीं मिलता। उनके द्वारा लिखित श्री गणेश स्तुति , श्री राम स्तुति , शिव स्तुति , हनुमत ललिताष्टकम् , जय हिंद वंदे मातरम और पृथ्वी मंथन हिंदी काव्य की सर्वोत्कृष्ट कृतियों में से हैं ।
शिवकुमार बिलगरामी के गीत ग़ज़लों को वर्तमान दौर के जिन मशहूर सिंगर्स ने गाया है उनमें अनुराधा पौडवाल , के एस चित्रा , जसपिंदर नरूला , हेमा सरदेसाई , महालक्ष्मी अय्यर , साधना सरगम , सुष्मिता दास , आख्या सिंह , सुरेश वाडेकर , शाद ग़ुलाम अली , कैलाश खेर , शान , रियाज़ खान  ,राजेश सिंह  ,निशांत अक्षर और सरिता सतीश मिश्रा तथा  के एस कमल आदि शामिल हैं।